बुधवार, 11 सितंबर 2019

श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य, सुनिए भागवत कथा छठा अध्याय सप्ताह यज्ञ की विधि

#श्रीमद्भागवत #कथा का #महात्म्य, #सुनिये #भागवत #कथा #छठा #अध्याय #सप्ताह #यज्ञ की #विधि और #महीने by Pandit Pradeep Pandey 9871030464 https://youtu.be/6mTSoFnOino https://goo.gl/maps/NDYdYv1RBut
#छठे #अध्याय की कथा में #भागवत जी के #सप्ताह यज्ञ की #विधि के बारे में विस्तार से वर्णन है, #सनकादि ने नारद जी को कथा का #श्रवण कराया और उन्हें बताया कि कथा के आयोजन के लिये मुख्य छः #महिने का चुनाव करना चाहिये:- #भाद्र्पद, #अश्विन, #कार्तिक, #मार्गशीर्ष, #आषाढ और #सावन, परन्तु इन महिनों में भी कुयोग आदि का विचार उनका त्याग करना चाहिये, #आयोजन के लिए सर्वप्रथम योग्य और समर्पित लोगों को अपना सहयोगी बनाना चाहिये और स्मस्त #धार्मिक तथा #भगवत प्रेमियों को कथा #श्रवण के लिये सूचना अर्थात #आमंत्रण भेजना चाहिये |
#व्यास ज्ञानी और भक्त होना चाहिये जो समस्त #दृष्टांन्तों को सरलता और तत्वतः स्पष्ट #वर्णीत कर सके, साथ ही कथा को #श्रवण करने वाले लोगों को भी #ब्रम्हचर्य, का पालन करना चाहिये #व्रत करना चाहिये तथा #भक्ति और समर्पण भाव से #कथा का श्रवण करना चाहिये I
#सूत जी बोले, "हे #भक्तों भग्वान #श्रीकृष्ण जब इस प्रथ्वी से #स्वधाम चले गये उसके बाद #कलियुग का प्रारम्भ हुआ, कलियुग के तीस वर्ष से कुछ अधिक समय ब्यतीत होने के पश्चात #भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की #नवमी को शुकदेव जी ने राजा #परिक्षित को कथा सुनानी आरम्भ की थी | कलियुग के दो सौ वर्ष बीतने के बाद #आषाढ मास की #शुक्ल पक्ष की #नवमी तिथि को #गोकर्ण जी ने कथा प्रारम्भ की थी |
भागवत
#कथा का महत्व, #भागवत कथा के #श्लोक, #सम्पूर्ण भागवत कथा, भागवत #पुराण #संस्कृत #श्लोक, #श्रीमद्भागवत #महापुराण इन संस्कृत विथ हिंदी #ट्रांसलेशन, #भागवत पुराण , श्रीमदभागवत कथा का #महात्म्य अध्याय 6, #भागवत कथा #सुनाओ, भागवत #दृष्टांत, श्रीमद् भागवत #कथा #वीडियो, श्रीमद् भागवत कथा #प्रवचन, #importance of #shrimadbhagwat #katha, #श्रीमदभागवत कथा का #महात्म्य, भागवत #कथा षष्ठ अध्याय सप्ताह #यज्ञ की विधि, सुनिए #भागवत कथा #छठा अध्याय #सप्ताह यज्ञ की #विधि एवं #महीने



श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य, भागवत कथा पांचवा अध्याय धुंधुकारी को प्रेत योनि की प्राप्ति

#श्रीमद्भागवत #कथा का #महात्म्य, भागवत कथा #पांचवा #अध्याय #धुंधुकारी को #प्रेतयोनि की प्राप्ति और #उद्धार by Pandit Pradeep Pandey 9871030464 https://youtu.be/P3Y9E09FQLM https://goo.gl/maps/NDYdYv1RBut
#धुन्धुकारी मृत्यु के बाद मुक्त नहीं हुआ और वह #प्रेत योनि में भटकने लगा, #वृत्तांन्त यह है कि कुछ काल बीत जाने पर गोकर्ण जी #तीर्थयात्रा से वापस आये और अपने घर पहुंचे, #गोकर्ण जी को तीर्थयात्रा के दौरान धुन्धुकारी तथा धुन्धुली की #म्रुत्यु की सुचना मिल चुकी थी इस करण से वो जिस #तीर्थ क्षेत्र में जाते वहां अपनी मां और भाई की आत्म #शान्ति के लिये #श्राद्ध आदि आवश्य करते, उन्होने गया #तीर्थ में भी श्राद्ध किया |
जो मनुष्य जैसे स्वभाव और आचरण का होता है उसके सम्बन्ध भी वैसे
#मनुष्यों से होते हैं सो #गोकर्ण जी से मिलने आने वालों में परम ज्ञानी, #विद्वान, योगी #वेदज्ञ और भक्त जन थे गोकर्ण जी ने रात्रि का पूरा #वृत्तांन्त सभी के मध्य बताया, सभी ने #शास्त्रों में उपाय खोजे परन्तु उन्हे सफ़लता नहीं मिली सो सभी ने यह निर्णय लिया कि इसके लिये #सूर्य देव से प्रार्थना की जाय उनकी आज्ञानुसार ही उपाय किया जयेगा |सभी ने संयुक्त भगवान #भास्कर की स्तुति की परिणामतः सुर्य #देव ने सांकेतिक आदेश किया कि, #श्रीमदभागवत जी का सप्ताह पर|यण ज्ञान यज्ञ के द्वारा ही #मुक्ति संभव है | गोकर्ण जी ने सभी विद्वानों आदि से #सलाह लेकर कथा का अर्थात श्रीमदभागवत जी का सप्ताह पर|यण ज्ञान #यज्ञ करने का समय निश्चित कर लिया I
#भागवत कथा का महत्व, भागवत #कथा के श्लोक, #सम्पूर्ण भागवत कथा, भागवत पुराण संस्कृत #श्लोक, श्रीमद्भागवत #महापुराण इन संस्कृत विथ #हिंदी ट्रांसलेशन, भागवत #पुराण , श्रीमदभागवत कथा का #महात्म्य #अध्याय 5, भागवत कथा #सुनाओ, भागवत #दृष्टांत, श्रीमद् #भागवत कथा #वीडियो, श्रीमद् भागवत कथा #प्रवचन, importance of #shrimadbhagwat #katha, #श्रीमदभागवत कथा का महात्म्य, भागवत कथा #पांचवा #अध्याय #धुन्धुकारी को #प्रेतयोनि की #प्राप्ति और उससे #उद्धार



श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य, भागवत कथा का महत्त्व चतुर्थ अध्याय गोकर्णो पाख्यान प्रकरण

श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य, भागवत कथा का महत्त्व चतुर्थ अध्याय गोकर्णो पाख्यान प्रकरण by Pandit Pradeep Pandey 9871030464 https://youtu.be/EzRURmLMk_g https://goo.gl/maps/NDYdYv1RBut
#श्रीमद्भागवत #कथा का #महात्म्य, #भागवत #कथा का #महत्त्व #चतुर्थ #अध्याय #गोकर्णो #पाख्यान #प्रकरण
#सूत जी महाराज शौनकादि मुनियों को कथा का #श्रवण करा रहे हैं वृत्तांन्त यह चल रहा था कि #सनकादि हरिद्वार में #नारदादि को कथा श्रवण करा रहे हैं तभी भक्ति का वहां #प्राकट्य हुआ और सनकादि ने भक्ति #देवी से कहा कि परमात्मा #श्रीकृष्ण के भक्तों के हृदय में आप विराजें, #सनकादि के कहने से भक्ति देवी समस्त भक्तों के हृदयों में पधार गईं I सभी भक्तों के हृदयों में #परमात्मा के प्रति अनन्य प्रेम भाव का #प्राकट्य हुआ, अनन्य भक्ति का भाव जाग्रत हो गया और #कथा कहती है कि इस भाव को देखकर #परमात्मा कृष्ण स्वयं #वैकुण्ठ छोड़्कर कथा में प्रकट हो गये I
मनुष्य जब
#भौतिकता में मोहित हो जाता है, #लोभ और मोह से ग्रसित हो जाता है तो उसकी बुद्धि #धुन्धुली हो जाती है| इस संसार में परमात्मा की शरण में रहते हुए, उसका #चिन्तन, भजन करते हुए जीवन को आनन्द उत्सव में #परिणित किया जा सकता है|
इस प्रकरण में यह तत्व
#ज्ञान दिया गया है कि इस जीवन में जहां आपका शरीर तक अपना नहीं है, वहां आप किसे और किसको अपना अपना कहते हो | आपका पूर्ण #नियंत्रण आपके अपने शरीर पर नहीं है, और आप जगत के #मोह में बंधे बंधे फ़िर रहे हैं, मोह और #वासना से गृसित मनुष्य काल के #जाल में फ़ंसते जा रहे हैं |
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